अपनी गलती का आरोप दुसरे पर लगाना एक प्रबंधन क्षमता है
BLAME GAME HITS HARD BRO!
क्या बुलाएं इसको, चीजों की तबाही या कातिल ?
मेरे हिसाब से कातिल ज्यादा अच्छा रहेगा | यही तो है जो इतने महान झगड़ो, गलत फैसलों, Murders और कितना कुछ, इन सब का एकलौता जिम्मेदार माना जाता है | हमारा प्यार ‘आरोप’ | एक ऐसा लफ्ज़ जिसको लगाना बड़ा आसान है, लेकिन खुद पर लगने की बात आये, तो पतली गली से 9-2-11 नहीं सीधा 9-2-20 हो जाते है | अब किसको पसंद है, Culprit जैसे अपना चेहरा नीचे कर के सबके सामने, ” हाँ जज साहब हाँ ! मैं हूँ कातिल |” जैसे Dialogues मारना | भाई मैं तो बैठ कर ये सब देखते हुए Popcorn खाना ज्यादा पसंद करुँगी |
ये ऐसी game है, जो कभी ख़तम नहीं हो सकती | मेरा मतलब है, जब तक कोई महात्मा इस game के बीच में आ कर वो महान Dialogue ना बोल दे | पहले इंसान ने दूसरे पर, दूसरे ने पांचवे पर, तीसरे ने चौथे पर और ये ‘कभी अलविदा’ ना कहना के जैसे ‘चलते चलते’ चलता ही जाता है | बोले तो Goes up to infinity |
- “खाना जल गया, सब गलती आपकी है, कोई मदद नहीं करता मेरी |”
- “मेरा Pet अच्छे से behave नहीं कर रहा, लेकिन उसकी क्या गलती, सब गलती उस पड़ोस की आंटी की है | कौन ऐसे hello करके जाता है |”
- अपने ही फेंके हुए गंद के कारण सड़क पर गिर गए? “सब गलती Municipal वालों की है, कचरा तो रोज साफ़ करवाना चाहिए ना |”
और फिर कुछ मासूम से अलग ही भांति के इंसान होते हैं, जो हर चीज में अपना ही दोष ढूंढते हैं | एक ज़माने में मैं भी ऐसा हुआ करती थी |
~ मेरा pet बीमार हो गया. सब मेरी गलती है |
~ Bike खराब हो गयी? मुझे पता था ! मेरी ही गलती है |
~ पड़ोसी अपने bathroom में गिर गया? लेकिन वो तो मैंने नहीं किया | But हो सकता है की…
To all these भोले पंछी.. इस दुनिया में आप जैसे अच्छे लोग भी होते हैं | And seriously you people are the Sweetest !
लेकिन आजकल तो ये समझा जाता है, जब तक आपको ये Blaming skills नहीं आते, आप Corporate World में आने के लिए तैयार ही नहीं हो | क्रिकेट में captain को , देश में सुधार नहीं हो रहा तो मंत्रियो को, Relationship में एक दूसरे को, हम बस बैठे आरोप ही तो लगा रहे हैं | क्यूंकि कोई खुद को नीचे नहीं देखना चाहता | Companies भी अपनी कमियों को छुपाने के लिए सामने की company को नीचे दिखने के लिए हमेशा तैयार रहती है | तो फिर हो गया ना ये एक Management skill | I won’t be surprised, अगर कल को ये, syllabus में एक book बन कर भी आ जाये | ‘Skills to blame others’
हम खुद को सुधारने का try ही नहीं करते हैं | क्यूंकि हम सब डरते है | कि हमारी Insecurities बाहर ना आ जाये | कहीं हमे जा कर sorry ना बोलना पड़े | और इसके लिए हम relations तक तोड़ने को ready है | What’s going on guys ! ये चल क्या रहा है? क्या सच में आपके लिए, गिलास आपसे टूटने पर, किसी और को उसका भुगतान करते हुए देखना चलेगा? जो लोग इंसानियत के इतने भाषण देते है | वो कहा हैं अब?
क्यूंकि सबसे ज्यादा जो इस game में फंसते है, वो है या तो गरीब, या वो जो आपसे पद में छोटे हैं | seniors के लिए juniors, manager के लिए employees, और politicians के लिए पूरा देश| अपनी प्रोब्लेम्स के लिए किसी और को blame कर देना, हमें बिलकुल एक solution की तरह लगता है| मैं ये नहीं कह रही कि हमे blame करना बंद कर देना चाहिए| अगर दूसरे व्यक्ति ने ग़लती की है, तो उसे पता चलना ही चाहिए| लेकिन, सिर्फ आप किसी के सामने नीचे नहीं दिखना चाहते इस के लिए, किसी को भी उठा कर blame कर रहे हो तो, this is just not cool, Dude !
अगर आपकी life में जो कुछ भी हो रहा है, वो किसी और कि वजह से हो रहा हैं, तो आपका आपकी life में क्या role? अगर हम अपनी लाइफ के अच्छे results का credit लेने के लिए खुद खड़े होते हैं, तो कुछ खराब होने पर हमारी नज़रे इधर उधर क्यों जाती हैं? सब मेरी गलती है से लेकर सब उसकी ग़लती है के बीच में बहुत से रास्ते आते है| अगर सही रास्ता ना देखा जाये तो लाइफ का balance बिगड़ सकता है|
Blame किस पर लगाए की जगह, आगे क्या किया जाये, ये सोचा जाये तो ना आपकी जीत होगी और ना हार, लेकिन Game Tie होने का भी अपना ही मज़ा हैं|