Nirjala Ekadashi 2021 Celebration In Gurgaon

निर्जला एकादशी को भारत वर्ष में एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है। निर्जला एकादशी हिंदू समुदाय के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक है। हिन्दू धर्म मैं माना जाता है कि निर्जला एकादशी पारंपरिक हिंदू कैलेंडर वर्ष में सभी 24 एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण है। हर माह आने वाली एकादशी महीने के दो चंद्र चक्रों, कृष्ण और शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन होता है।

इस एकादशी को गुडगाँव मैं काफी स्थानों पर बहुत ही उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर Explore NCR की टीम ने एकादशी को उल्लास की तरह मानाने वाले कुछ लोगों से बात की व् एकादशी को ले कर उनके विचार जाने।

इस मौके पर मौजूद कृष्णा कॉलोनी, गुडगाँव निवासी इन्दर राज दुआ, शर्मा जी, मनोज शर्मा और बच्चे पार्थ दुआ, हेमाक्षी दुआ व् कुँज दुआ ने बताया की इस तरह से प्रशाद वितरण व् त्यौहार को मानाने से उन्हें एक सुखद एहसास होता है।

एकादशी से जुडी जानकारी जो हमे अपने बच्चों को बतानी व् समझानी चाहिए:

– एकादशी का उत्सव भारत व् नेपाल मैं बहुत भावना के साथ मनाया जाता है।
– नेपाल और भारत में, एकादशी को शरीर को शुद्ध करने का दिन माना जाता है।
– एकादशी का दिन व्रत का दिन माना गया है।
– संयम की यह अवधि एकादशी के दिन सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक होती है।
– एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए, चाहे आप व्रत कर रहे हैं या नहीं।
– विष्णु पुराण के अनुसार वैकुंठ एकादशी का व्रत (हिंदू) वर्ष की शेष 23 एकादशियों के व्रत के समान है।
– आमतौर पर एक कैलेंडर वर्ष में 24 एकादशियां होती हैं।
– प्रत्येक एकादशी पर पूजन का एक विशेष लाभ होता है।
– इस दिन विष्णु मंत्र का जाप “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” करने से दुखों से मुक्ति मिलती है।

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