हर वर्ष की तरह शीतला माता मंदिर, गुडगाँव में इस बार भी आषाढ़ मेले का आयोजन 25 जून से 24 जुलाई तक किया जा रहा है। मंदिर में कंस्ट्रक्शन का कार्य चलने के कारण इस बार भक्त शीतला माता मंदिर में मुख्य द्वार से प्रवेश नहीं कर पाएंगे। शीतला माता मंदिर गुरुग्राम गांव के उत्तर में स्थित है।
कोविड संक्रमण से बचाव के लिए काफी एहतियात बरती जा रही है, अगर आप भी मेले में शीतला माता के दर्शन करने जा रहे हैं तो कृपया ध्यान रखें:
– मेले का आयोजन 25 जून से 24 जुलाई तक किया जा रहा है
– मंदिर में दर्शन का समय प्रात: 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही रहेगा।
– एक बार मैं 50 से अधिक लोगों को मंदिर में दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
– कोविड संक्रमण के चलते मंदिर परिसर में 24 घंटे स्वास्थ्य कर्मी एंबुलेंस व् फायर ब्रिगेड उपलब्ध रहेंगे।
– 300 से ज्यादा पुलिस कर्मी लोगो की सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
– गर्मी का ख्याल रखते हुए मंदिर में स्वच्छ जल की पूर्ण व्यवस्था की गयी है।
शीतल माता मंदिर का इतिहास:
ऐसा मान्यता है कि तीन शताब्दी से भी अधिक समय पहले, मसानी माँ ने सपने में गुरुग्राम के एक जाट चौधरी सिंह राम को दर्शन दिए थे, जाट चौधरी सिंह राम को सिंघा के नाम से भी जाना जाता था। उसने केशोपुर छोड़कर गुरुग्राम आने की इच्छा जताई। उसने उसे अपने लिए एक जगह बनाने के लिए बनाया।
मंदिर को स्थापित करने को लेकर काफी विवाद भी रहे जिन्हे बाद मैं सुलझा दिया गया। ऐसा लिखा गया है की मुग़ल कल मैं बेगम समरू के बच्चे को चेचक हुआ था जो की गुरुग्राम में देवी मसानी के मंदिर में पूजा करने के बाद ठीक हो गया था। तब से यह विश्वास लोगों में स्थापित हुआ कि देवी ने गुरुग्राम गांव में रहना शुरू कर दिया है।
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