स्वाद और सेहत

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कितने Contradictory से words है ना यें | इन से मुझे हमेशा वो  Advertisement याद आती है |

 “मैं पहले बहुत मोटी हुआ करती थी, क्यूंकि मुझे खाने का बहुत शोंक था | 

 लेकिन फिर मैंने टीवी पर Subway की Ad देखी |

 अब मैं तीली जैसी पतली हूँ और पेट भर कर खाती हूँ |”

काश ! काश ये सच हो पाता तो आज पृथ्वी भी गोल नहीं flat होती | लेकिन ये स्वाद और सेहत एक दम inversely proportional case है | ये तो ऐसे हो गया ना, कि आप नींबू खाना चाहते हो और ये भी नहीं चाहते कि आपके दांत खट्टे हों | देखो सेहत पर ध्यान रखना बहुत अच्छी बात है, लेकिन उसके लिए स्वाद का बलिदान? कैसे? कैसे हिन्दुस्तानी हो तुम ?

भाई ट्रेंड का क्या है, आज नया तो कल पुराना हो जायेगा, 

ये एकलौता पेट ही है जो आपके साथ ऊपर जायेगा |

ये सोचना तो छोड़ ही दो ना कि हमने सब Plan किया है, पूरी ज़िन्दगी healthy खाएंगे और fit रहेंगे | कब तक बच जाओगे? वो समोसे की कढ़ाई में तलते हुए समोसे की आवाज़ | वो जलेबी से नीचे गिरती हुई उसकी शक्कर | वो रसगुल्ले का Sponge-ness | पूरी ज़िन्दगी Subway वालो का पेट पालोगे क्या? या हरियाली खा कर, उन बेचारे जानवरो का खाना भी खा जाओगे? रेहम करो थोड़ा सा यार | उन बेचारो पर भी और अपने इस पापी पेट पर भी | कभी इस बिचारे गरीब, अबला और Whatever से पेट की आवाज़ सुनी है? समझा है कभी उसकी जरूरतों को? उसको भी जीने का हक़ है | लेकिन नहीं | हमें तो भाई Diet करनी है | उस छोटी सी जान को बाहर आने का मौका तो दो | यहां हर घंटे लाखो तोंद-हत्या के शिकार होते हैं | और जिंमेवार कौन? तुम ! 

पूरा दिन बिस्तर पर लेटे तुम रहो, gym के नाम पर नींद तुम्हे आये, सीढ़ीओ की जगह escalator use तुम करो | और भुगते कौन? ये बेजुबान सा पेट? अल्लाह! रेहम कर |

लेकिन Logically देखे, तो ये दोनों चीजें अपनी अपनी जगह सही है | स्वाद का देखे तो of course इसका कोई मेल ही नहीं | लेकिन इसकी एक ऐसी चीज है जो सेहत को इससे ऊपर कर सकती है | और वो है, ‘The Taste Is temporary’ ! स्वाद बस उतनी ही देर रहता है, जब तक आप उस चीज के सामने रह कर उसे खा रहे हो | और मिनटों में ही आपके हाथ से दो चीजें जाती हैं | पहली आपकी जेब से पैसे और दूसरा आपके हाथ से आपका पेट | लेकिन फिर भी ! स्वाद का कोई मेल नहीं |

और सेहत का देखा जाये, तो हाँ बुरा तो लगता है, जब दुसरो को वो इतने रंग बिरंगी चीजें खाते हुए देखते हैं | मन से वो बड़ा वाला काश भी निकलता है | लेकिन अपनी perfect body और उसकी निकली हुई तोंद को देख कर आप कभी ख़ुशी कभी गम की Poo बन जाते हो, “तुम्हे कोई हक़ नहीं कि तुम इतनी खूबसूरत लगो ! Not Fair!” 

 तो इसी के साथ स्कोर होता है, स्वाद-0 और सेहत-1

अगली बात देखे तो, स्वाद ऐसी चीज है, जिसको आप जब तक खुद experience नहीं करोगे, आपको वो एहसास नहीं होगा | तो क्या आप ये चाहते हो कि ऊपर जा कर जब आपके आगे पीछे के लोग ये discuss कर रहे होंगे, “भाई तूने किशोरी राम के समोसे Try किये थे? क्या लाजवाब चीज बनता था वो भी |” और आप side में दांत निकालते हुए, हाँ और ना में Confused ‘Hmmm’ कर दोगे | अब बाद में कौन देखने वाला है कि किसका weight कितना है | लेकिन Food Gossip तो जरूरी है ना |

और अब स्कोर्स कुछ इस प्रकार हैं, स्वाद-1  सेहत-१

अब तक तो आप मेरी Scores equal करने की साजिश को समझ ही गए होंगे | क्यूंकि मेरे लिए, दोनों बिलकुल उस Fair&lovely ad की तरह equal-equal हैं | जितना प्यारा हमें अपना खाना है, उतना ही प्यार हमे mirror में खुद को देख कर भी तो आना चाहिए ना  | अब ऊपर जा कर क्या होगा क्या नहीं वो बाद की बात है |

Subway जाओ या Burger King, “Actually, I’m on diet” का Swag तो हर जगह चलेगा | और फिर Instagram पर अच्छे वाले #hashtags भी तो चाहिए |

#foodisbae     #sorryiamondiet    #cheatday   #saynotooilyfood   #iamhealthy 

Dr. Geetanjli
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